Women's Day: जब दुनिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मना रही है, भारत की कई महिला अधिकारी कानून प्रवर्तन, सीमा सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी अभियानों में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं। आईपीएस प्रितपाल कौर, सोनाली मिश्रा, चारू सिन्हा और पीपीएस अवनीत कौर सिद्धू जैसी अधिकारी न केवल नेतृत्व कर रही हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी ला रही हैं।

1. IPS प्रितपाल कौर: मातृत्व और कर्तव्य का अनोखा संगम

 

2016 बैच की आईपीएस अधिकारी प्रितपाल कौर वर्तमान में नागालैंड के फेक जिले की एसपी हैं, जो भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित है। उनके दिन की शुरुआत आधी रात को होती है जब वह अपनी पाँच महीने की बेटी की देखभाल करती हैं। इसके बाद, सुबह 6:30 बजे वह यूपीएससी और अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग चलाती हैं। दिनभर वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों से जुड़कर आजीविका प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों का संचालन भी करती हैं।

2. सोनाली मिश्रा: BSF में इतिहास रचने वाली पहली महिला

 

सोनाली मिश्रा 1993 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और 2021 में उन्होंने पंजाब फ्रंटियर की पहली महिला BSF महानिरीक्षक (IG) बनकर इतिहास रच दिया। यह क्षेत्र पाकिस्तान के साथ 553 किलोमीटर लंबी सीमा के कारण नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी के लिए संवेदनशील माना जाता है। उनके नेतृत्व में BSF ने सीमा पार से होने वाली ड्रोन गतिविधियों और तस्करी पर कड़ा शिकंजा कसा। उन्होंने पहले दिल्ली और कश्मीर में भी महत्वपूर्ण सुरक्षा पदों पर कार्य किया है।

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3. चारू सिन्हा: श्रीनगर में CRPF का नेतृत्व करने वाली पहली महिला

 

चारू सिन्हा, 1996 बैच की तेलंगाना कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं। 2020 में, वह CRPF के श्रीनगर सेक्टर की पहली महिला आईजी बनीं, जो आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत है। इससे पहले, बिहार में उन्होंने कई नक्सल विरोधी अभियानों की अगुवाई की थी। श्रीनगर में उनका कार्यक्षेत्र बेहद संवेदनशील है, जहाँ वे सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व कर रही हैं।

4. अवनीत कौर सिद्धू: इंटेलिजेंस और काउंटर-इंटेलिजेंस की विशेषज्ञ

 

अवनीत कौर सिद्धू, पंजाब पुलिस में AIG (इंटेलिजेंस और काउंटर-इंटेलिजेंस) के पद पर कार्यरत हैं। उनका दिन सुबह 7 बजे ग्रुप कॉल और ब्रीफिंग से शुरू होता है, जहां वे सुरक्षा मामलों पर चर्चा करती हैं। उनका कार्य कई ऑपरेशनल मुद्दों और सुरक्षा खतरों से निपटना होता है। इसके साथ ही, वे अपने परिवार और व्यक्तिगत जीवन को भी संतुलित बनाए रखती हैं।

महिला नेतृत्व की शक्ति: नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा

 

ये महिला अधिकारी न केवल पुलिसिंग और सुरक्षा में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, बल्कि उन्होंने यह भी साबित किया है कि महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं। उनकी कहानियाँ प्रेरणादायक हैं और आने वाली पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक हैं। भारत में पुलिसिंग, सीमा सुरक्षा और कानून प्रवर्तन में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी यह दर्शाती है कि वे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कर सकती हैं।

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