असल में अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू पर कोई एक्शन नहीं लिया है बल्कि एक बार फिर संभलने का मौका दिया है। कैप्टन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दबाव में सिद्धू को अभयदान दिया है। सिद्धू का मंत्रालय बदल कर उन्हें बिजली और गैर परंपरागत ऊर्जा का मंत्रालय दिया गया। ऐसा कर कैप्टन ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं।