Abhinav Khare
(Search results - 34)NewsNov 28, 2019, 7:24 PM IST
लोकतंत्र के मंदिर में करदाताओं के टैक्स का बेजा होता इस्तेमाल
हमारे संसद सदस्यों पर सरकार हर साल 388 करोड़ रुपये का भारी भरकम खर्च करती है। लोकसभा में 545 सांसद हैं, जिनमें एंग्लो इंडियन कम्युनिटी के 2 मनोनीत सदस्य हैं और राज्यसभा में 245 सदस्य हैं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों से राष्ट्रपति द्वारा नामित 12 विशिष्ट सदस्य शामिल हैं। हमारी संसद में कुल तीन निश्चित सत्र हैं: बजट, मानसून और शीतकालीन जो लगभग सौ दिनों तक चलते हैं। यह संसद के कामकाज के प्रति दिन केवल 4 करोड़ रुपये की प्रशासनिक लागत के बराबर है।
NewsNov 26, 2019, 6:17 PM IST
हिंदूफोबिया के जरिए हिंदूओं को निशाना बना रहे हैं राजनैतिक दल
मौजूदा समय में देश में हिंदूपोबिया अपने चरम पर है। हम जहां भी देखते हुए हम केवल हिंदुओं के खिलाफ घृणा और झूठे तथ्यों को प्रसारित किया जा रहा है। ताकि हम लोगों दोषी महसूस कराया जा सके। हमारी संस्कृति और इतिहास हमेशा पौराणिक कथाओं की अवहेलना की जा रही है और इसे गलत तरह से स्थापित किया जा रहा है। इस श्रेणी में शामिल होने वाले नवीनतम व्यक्ति आम आदमी पार्टी के विधायक, राजेंद्र पाल गौतम हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि अगर राम और कृष्ण हमारे पुरखे हैं, तो वे हमें इतिहास में क्यों नहीं पढ़ाते? हमारे पूर्वजों का इतिहास अच्छी तरह से मालूम है जबकि राम और कृष्ण पौराणिक हैं। इसके लिए उन्होंने पेरियार की बातों को प्रमाण के साथ दिया है।
NewsNov 25, 2019, 9:29 PM IST
आखिर अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल क्यों
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर की है। बोर्ड एक निजी संगठन है, इसमें न तो चुनाव होते हैं, न ही सरकारी प्रतिनिधित्व होता है और न ही इसे सदस्यता के लिए किसी योग्यता की आवश्यकता होती है। यह 47 साल पहले इंदिरा गांधी के काल में स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी वैधता बेहद संदिग्ध है। इस संगठन के सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) जैसे आतंकवादी संगठनों का समर्थन करते हैं। वे अपने आप को भारतीय मुसलमानों के लिए मुखपत्र के रूप में चित्रित करते हैं जो उनकी कल्पना के अलावा कुछ भी नहीं है।
NewsNov 20, 2019, 10:48 AM IST
गलत जानकारी तोड़मरोड़ कर पेश कर रहा है बिकाऊ मीडिया
यह संघर्ष 500 वर्षों से चल रहा है। लगभग अस्सी प्रतिशत आबादी वाले लोगों ने शांति से अपनी मांगों को अंग्रेजों, फिर सरकार और अब न्यायपालिका के सामने रखा। यहां तक कि जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने वहां एक मंदिर के अस्तित्व को साबित कर दिया है। फिर भी, कथा को मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा पक्षपाती किया गया है। अपने पिछले कुछ ट्वीट्स में राणा अय्यूब और बरखा दत्त की पसंद ने केवल हिंसा को उकसाया है। वे अपनी किताबें और एजेंडा बेचने के लिए दंगे होने का इंतजार करते हैं।
NewsOct 3, 2019, 8:39 AM IST
गीता की आध्यात्मिक यात्रा का पहला अध्याय
यदि हम गीता को पढ़ते चले तो इसमें लिखे गए शुरूआत के बीस छंद युद्ध के मैदान और कमांडरों का वर्णन करते हैं और अंत में भीष्म, अर्जुन और कृष्ण के साथ युद्ध शुरू करने के लिए अपने शंख फुंकते हैं। 21 से 25 तक के श्लोकों में, अर्जुन ने कृष्ण से अपने रथ को सेना के बीच में रखने के लिए कहा ताकि वह सेना की निगरानी कर सके। कृष्ण अपना रथ चलाते हैं और इसे भीष्म और द्रोणाचार्य के सामने रखते हैं और अर्जुन से अपनी सेना की निगरानी करने के लिए कहते हैं।
NewsOct 2, 2019, 8:12 AM IST
आइए गीता के जरिए करें जीवन की समस्याओं का समाधान
अर्जुन ने रणभूमि पर संसार की समस्या का पता लगाया और इस तरह समाधान खोजने के लिए कृष्ण के पास पहुंचे। केवल जब कोई व्यक्ति खुद से खुश नहीं होता है, तो कोई बाहरी मदद चाहता है। अर्जुन को युद्ध के मैदान में भ्रम हो जाता है और वह युद्ध की आवश्यकता पर सवाल उठाता है। उन्होंने सवाल किया कि उन्हें उन लोगों के खिलाफ युद्ध के लिए क्यों जाना चाहिए जो उनके अपने हैं।
NewsSep 30, 2019, 8:39 PM IST
सिर्फ अपना वजूद बचाने के लिए ग्रेटा जैसे को बच्चों को बलि का बकरा बनाते हैं वामपंथी
यहां तक कि जो वीडियो वायरल हुआ, उसमें हमने देखा है कि कैसे उसकी पंक्तियों को देखा गया। यह वास्तव में गलत है। एक बच्चा बचपन का हकदार है और असफल माता-पिता को लाइमलाइट देने का बोझ नहीं उठाता है। ये बच्चे स्कूल में पढ़ाई और खुद के लिए निर्णय लेने में होना चाहिए। इसके बजाय, प्रसिद्धि के प्यासे माता-पिता की भूख, जो उन्हें भाग्यशाली होने पर नोबेल पुरस्कार जीतने के लिए बोली में रैलियों का हिस्सा बनने के लिए धक्का देती है।
NewsSep 26, 2019, 8:09 PM IST
राष्ट्रवादी होने पर मुझे है गर्व, क्या आपको है?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि वह एक राष्ट्रवादी है। इसी तरह से फिलीपींस के राष्ट्रपति, डुटर्टे। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोकोवी, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, इज़राइल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू। इन सभी नेताओं ने राष्ट्रवादी नेता होने का दावा किया है। ये सभी लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेता हैं, न कि फांसीवादी तरीके से। जैसा कि आमतौर पर दावा किया जाता है। ये लोग अपने देशों की पहचान से अपनी पहचान स्थापित करना चाहते हैं और इसमें कुछ गलत नहीं है।
NationSep 12, 2019, 2:42 PM IST
आसूमल तांगेवाले से आसाराम बापू तक का सफर, देखिए आज के डीप डाईव में
फिलहाल जेल में बंद फर्जी संन्यासी आसाराम बापू को कभी अजमेर के लोग आसूमल तांगेवाले के नाम से जानते थे। उसे 2013 में बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वह लोगों को धर्म के बारे में उपदेश देता था लेकिन खुद बुरी तरह पाप कर्मों में डूबा हुआ था।
NationSep 12, 2019, 2:33 PM IST
आसाराम के आपराधिक साम्राज्य की कहानी, जानिए कैसे उसने पूरी दुनिया को धोखे में रखा
आसाराम बापू को 2013 में बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह यौन इच्छाओं से दूर रहने के बारे में उपदेश देता था लेकिन उसकी वास्तविकता कुछ और ही थी। आसाराम बापू की कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म की तरह है। वह फर्श से अर्श तक पहुंचा और फिर उसका बुरी तरह पतन हुआ।
NewsSep 10, 2019, 6:37 PM IST
एनआरसी को लेकर हायतौबा है बेकार, देश को इसकी जरुरत काफी समय से थी
असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स को लेकर काफी बहस चल रही है। यह सवाल निश्चित रूप से सबके सामने आता है कि नागरिकों की पहचान किए जाने के बाद क्या होने वाला है। लेकिन, हमें वास्तव में अपने उन राजनेताओं से सवाल करना चाहिए, जो नागरिकों की पहचान किए जाने की इस कानूनी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।
NewsSep 6, 2019, 6:45 PM IST
एलजीबीटी समुदाय के लिए सबसे अहम फैसले का एक साल, अभी भी मीलों चलना है बाकी
समलैंगिक और एलजीबीटीक्यूआई समुदाय के लिए यह साल उनके जीवन में नाटकीय रुप से बदलाव लाने वाला रहा है। लेकिन इसके बावजूद उनके लिए पूरी तरह समानता और न्याय पाने का काम पूरा नहीं हो पाया है। इस समुदाय को हमेशा हाशिए पर, सामाजिक बहिष्कार, बहिष्कार और असमानताओं का सामना करना पड़ा है। उन्हें हमेशा के लिए एक हाशिए के अंदर जीने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्हें हमेशा प्रतिशोध और यहां तक कि उत्पीड़न से भी भयभीत रहना पड़ता है। होमोफोबिया, बाइफोबिया और ट्रांसफोबिया का यह कुसंस्कार हमारे दृष्टिकोण, माहौल और नीतियों में अंदर तक समाया हुआ है।
NewsSep 6, 2019, 4:12 PM IST
एलजीबीटी समुदाय के लिए सबसे अहम फैसले का एक साल, अभी भी मीलों चलना है बाकी
समलैंगिक और एलजीबीटीक्यूआई समुदाय के लिए यह साल उनके जीवन में नाटकीय रुप से बदलाव लाने वाला रहा है। लेकिन इसके बावजूद उनके लिए पूरी तरह समानता और न्याय पाने का काम पूरा नहीं हो पाया है। इस समुदाय को हमेशा हाशिए पर, सामाजिक बहिष्कार, बहिष्कार और असमानताओं का सामना करना पड़ा है। उन्हें हमेशा के लिए एक हाशिए के अंदर जीने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्हें हमेशा प्रतिशोध और यहां तक कि उत्पीड़न से भी भयभीत रहना पड़ता है। होमोफोबिया, बाइफोबिया और ट्रांसफोबिया की यह संस्कृति जो हमारे दृष्टिकोण, माहौल और नीतियों में अंदर तक समाया हुआ है।
NationAug 7, 2019, 7:49 PM IST
डीप डाईव के आज के एपिसोड में देखिए दिवंगत सुषमा स्वराज से जुड़ी कुछ खास बातें
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से पूरे देश में शोक का माहौल है। आज डीप डाईव के एपिसोड में देखिए सुषमा स्वराज से जुड़ी कुछ खास यादें, अभिनव खरे के साथ
NewsJul 19, 2019, 11:30 PM IST
मॉब लिंचिंग और पारंपरिक मीडिया की भूमिका
आज के ऐपिसोड में भारत और विदेशी मीडिय की भूमिका पर चर्चा की जाएगी कि आखिर वो कैसे मॉब लिंचिंग की रिपोर्टिंग कर रहे हैं. ऐसे में जरूरत है कि वो यह समझें कि जो जैसा है उसे वैसे ही रिपोर्ट करें.