पुलवामा में आतंकियों से हुए एनकाउंटर के बाद स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी कर दी थी। 15 दिसंबर को हुए इस एनकाउंटर में तीन आतंकी मारे गए थे। जहूर ठोकर, ताहिर हिज्बी और अदनान वानी उर्फ हाशिम भाई के खात्म के बाद पत्थरबाजों ने सुरक्षा बलों के वाहनों पर पत्थरों और लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इसके बाद सुरक्षा बलों को आत्मरक्षा में गोलियां चलानी पड़ीं। इसमें आठ पत्थरबाजों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीति तेज हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सुरक्षा बलों पर सवाल उठाए। वहीं नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि लोग 'बेगुनाह' थे और सेना को इस तरह की स्थिति में पानी की बौछार का प्रयोग करना चाहिए। हालांकि 'माय नेशन' के हाथ लगे एक ऑडियो में एक अलग ही कहानी सामने आई है। दो आतंकियों की इस बातचीत में खुलासा हुआ है कि घटना के समय भीड़ में आतंकी भी मौजूद थे और सुरक्षा बलों पर फायरिंग कर रहे थे।