असल में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध सुन्नी वक्फ बोर्ड कर रहा है और वह इसे एकतरफा फैसला करार दे रहा है। लिहाजा बोर्ड के ज्यादातर सदस्य इस जमीन के खिलाफ हैं। कई मुस्लिम नेता और धर्मगुरु इसे इस्लाम के खिलाफ बता रहे हैं और इस जमीन पर किसी भी तरह की मस्जिद बनाने के खिलाफ हैं। मुस्लिम नेताओं और धर्म गुरुओं का कहना है कि इस जमीन पर मस्जिद की जगह अस्पताल या फिर स्कूल खोला जाना चाहिए।