बहुजन समाज पार्टी के इतिहास में मायावती ने पहली बार उपचुनाव में किस्मत को आजमाने का फैसला किया था। बसपा इससे पहले कभी उपचुनाव नहीं लड़ी बल्कि वह उपचुनाव के जरिए जनता का मूड भांपने का काम करती थी। लेकिन पहली बार मायावती की अगुवाई में पार्टी ने राज्य की 11 सीटों पर प्रत्याशियों को उतारे। हालांकि पार्टी ये मान कर चल रही थी कि लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन का फायदा उसे मिलेगा। लेकिन बसपा को हार का सामना करना पड़ा।