अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीन अन्य देश अमेरिका, रूस और चीन भारत के इस परीक्षण से आश्चर्यचकित हैं। रूस भले ठंडे बस्ते में हो लेकिन अमेरिका को भनक भी नहीं लगी और भारत ने सफल परीक्षण कर लिया। वहीं 2007 में यूपीए के पहले कार्यकाल के दौरान इस क्षमता का परीक्षण करने वाला चीन भारत के परीक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया में स्पष्ट नहीं है।