असल में ज्यादातर नौकरशाह रिटायर के बाद राजनीति में अपनी किस्मत आजमाते हैं। हालांकि कुछ नौकरशाहों ने वीआरएस लेकर राजनीति के मैदान में अपने नए कैरियर की शुरूआत की। कुछ नौकरशाहों को इस राजनीति में आने के साथ ही सफलता मिली तो कुछ संसद की सीढ़ियों को चढ़ने में विफल हुए। इस बार के लोकसभा चुनाव में बड़े राजनैतिक दलों के टिकट पर आधे दर्जन से ज्यादा नौकरशाह चुनाव के मैदान में थे। इसमें से ज्यादातर अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे।