असल में डाक्टरों का कहना है कि खराब मौसम के कारण सैनिक को चॉपर की मदद से कहीं नहीं ले जाया जा सकता था और इसके लिए उन्होंने उसके पास जाकर इलाज करने का फैसला किया। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि ठंड के दौरान पूर्वी लद्दाख का पारा -20 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है।