अशोक तंवर को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता था। राहुल गांधी तंवर पर भरोसा करते थे, लिहाजा उन्होंने भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की दावेदारी को दरकिनार कर अशोक तंवर को राज्य की कमान सौंपी। लेकिन कांग्रेस में राहुल गांधी के अध्यक्ष के पद से हट जाने के बाद बागी हो चुके हुड्डा को तवज्जो देते हुए विधायक दल का नेता के साथ ही चुनाव समिति की कमान हुड्डा को दी गई।