फ्रांस में हुई बैठक में जी-7 देशों के सभी नेताओं ने चीन को बड़ा झटका देते हुए हांगकांग की स्वायत्तता का समर्थन किया गया। सदस्य देशों का कहना है कि जो ब्रिटेन और चीन के बीच 1984 में हुए एक समझौते में तय हुआ था। उसी आधार पर हांगकांग का स्वायत्तता बरकरार रहनी चाहिए। इसमें किसी भी तरह का छिड़छाड़ चीन को नहीं करनी चाहिए।