इस चुनाव में बड़े राजनैतिक दलों के साथ ही छोटे दलों की भी अग्नि परीक्षा थी। जिसमें ये दल बुरी तरह से विफल हुए हैं। यहां तक इन दलों को मिला वोट प्रतिशत इतना कम है कि इन राजनैतिक भविष्य पर संकट मंडराने लगा है। शिवपाल सिंह की पार्टी प्रसपा इस बात को लेकर खुश जरूर हो सकती है कि उसने समाजवादी पार्टी का वोट काटा और दो सीटों पर वह एसपी की हार का बड़ा कारण बनी।