याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि महिलाओं और बच्चों को दी गई छूट संविधान के अनुच्छेद 14, 15 (1) और 21 का उल्लंघन है और मोटर वाहन अधिनियम अधिनियम के तहत दो-पहिया सवारों के लिए अनिवार्य किए गए हेलमेट के उपयोग के उद्देश्य को भी पूरा नहीं करता है। छात्र का कहना था कि केवल सिख समुदाय के सदस्यों को मोटर वाहन अधिनियम में एक प्रावधान के अनुसार हेलमेट पहनने से छूट दी गई है