जो लोग ज़िंदगी में नाकाम होकर हताश निराश हो चुके हैं उन्हें शाहजहांपुर के नदीम से सबक लेना चाहिए जिन्होंने कोविड में अपने जमे जमाए कारोबार में ऐसा नुकसान उठाया की मौत के आलावा कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा था। लेकिन नदीम ने एक बार खुद को इकठ्ठा किया , अपने बच्चों का चेहरा देखा और लखनऊ निकल आए रोज़गार की तलाश में। यहां खुद का बिज़नेस शुरू किया और आज नदीम की ज़िंदगी एक बार फिरसे पटरी पर आ गयी है।