हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा के बाद गोपाल कांडा सबसे ज्यादा सक्रिय थे। कांडा राज्य के नेतृत्व के बजाए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के संपर्क में थे। यहां तक कि गोपाल कांडा ने सभी निर्दलीय विधायकों को एक कर उन्हें दिल्ली ले गए। राज्य में 8 निर्दलीय विधायक चुने गए हैं। जबकि भाजपा को 40 सीटें और कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं। वहीं जननायक जनता पार्टी को दस सीटें मिली हैं। जो अब भाजपा से गठबंधन कर सरकार में शामिल होने जा रही है।