कश्मीर में आतंकवादियों की मौत पर मानवाधिकार का राग अलापने वाले लोग पुलवामा में हुए सीआरपीएफ जवानों की मौत पर खामोश हैं। उन्हें इन शहीदों के मासूम बच्चों की चीखें और विधवाओं का विलाप नही सुनाई दे रहा है। बिहार के भागलपुर में शहीद रतन ठाकुर के घर का माहौल किसी पत्थरदिल इंसान को भी रोने के लिए मजबूर कर देगा। लेकिन मानवाधिकार के पुरोधाओं की जुबान अब तक सिली हुई है।