हमने ये अनुमान लगाया था कि ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, एफएमसीजी, सीमेंट, रियल एस्टेट और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे विभिन्न क्षेत्रों को ये प्रभावित कर रही है। लेकिन देर हो चुकी थी,क्योंकि हमें मंदी का एहसास बाद में हुआ। हालांकि हमारी खपत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 70 प्रतिशत से अधिक है। लिहाजा हमारी खपत कम होने का असर देश की अर्थव्यवस्था पर दिखाई देने लगा।