Democracy
(Search results - 10)NewsAug 27, 2020, 7:53 PM IST
क्या सोनिया गांधी को चुनौती दे रहे हैं आजाद, फिर कहा पार्टी में कायम हो लोकतंत्र
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जो पत्र लिखा गया उसमें गुलाम नबी आजाद ने भी हस्ताक्षर किए थे। आजाद ने कहा कि हर राज्य और जिले का अध्यक्ष निर्वाचित होना होना चाहिए और कांग्रेस कार्य समिति का चुनाव भी होना चाहिए। ताकि पार्टी के लोकतंत्र स्थापित हो सके।
NewsNov 28, 2019, 7:24 PM IST
लोकतंत्र के मंदिर में करदाताओं के टैक्स का बेजा होता इस्तेमाल
हमारे संसद सदस्यों पर सरकार हर साल 388 करोड़ रुपये का भारी भरकम खर्च करती है। लोकसभा में 545 सांसद हैं, जिनमें एंग्लो इंडियन कम्युनिटी के 2 मनोनीत सदस्य हैं और राज्यसभा में 245 सदस्य हैं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों से राष्ट्रपति द्वारा नामित 12 विशिष्ट सदस्य शामिल हैं। हमारी संसद में कुल तीन निश्चित सत्र हैं: बजट, मानसून और शीतकालीन जो लगभग सौ दिनों तक चलते हैं। यह संसद के कामकाज के प्रति दिन केवल 4 करोड़ रुपये की प्रशासनिक लागत के बराबर है।
WorldAug 21, 2019, 2:13 PM IST
चीन की औकात में नहीं है भारत से सीधे संघर्ष में उलझना, ये हैं सात प्रमुख कारण
कश्मीर मामले पर चीन ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में मामला उठवा दिया। लेकिन भारतीय संसद द्वारा कश्मीर के विभाजन और धारा 370 की समाप्ति पर चीन सीधे तौर पर कुछ भी कहने से अभी तक बचता दिख रहा है। हालांकि इस मुद्दे पर पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। लेकिन चीन पूरे कश्मीर विवाद से सीधे तौर पर खुद को अलग रखने की कोशिश कर रहा है। उसने कुछ छुट पुट बयान जारी तो किए हैं, लेकिन यह बयान भी चीन के किसी बड़े नेता द्वारा जारी नहीं किया गया है। इसकी वजह यह है कि चीन कभी भी भारत से सीधा संघर्ष मोल नहीं ले सकता। आपको याद होगा कि डोकलाम से भी चीन की फौज को बैरंग वापस लौटना पड़ा था। आखिर क्यों चीन भारत से उलझना नहीं चाहता? क्या है उसकी मजबूरी?
NewsJun 2, 2019, 11:45 AM IST
चीन के रक्षामंत्री का दावा, राजनीतिक स्थिरता के लिए जरूरी था थियानमेन चौक नरसंहार
रक्षा मंत्री वेई फेंघ ने दावा किया है कि बीते 30 साल के दौरान चीन की वामपंथी सरकार ने देश को बहुत आगे ले जाने का काम किया है। 4 जून 1989 के दिन चीन सरकार के सामने कड़ी चुनौती थी और उसने देश को आगे ले जाने के लिए इस प्रदर्शन को खत्म करने के लिए कड़ा फैसला लिया था।
ViewsMay 17, 2019, 6:26 PM IST
लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती है पश्चिम बंगाल की राजनीतिक हिंसा
कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में आयोजित रोड शो में जितनी संख्या में लोग उमड़े थे उससे पता चल रहा था कि वहां का राजनीतिक वातावरण बदल रहा है। किंतु वह रोड शो अपने गंतव्य विवेकानंद हाउस तक पहुंचता उसके पहले ही कॉलेज स्ट्रीट पर कुछ लोग काले झंडे लेकर विरोध कर रहे थे। लेकिन अचानक अमित शाह की गाड़ी पर डंडा फेंका गया। उसके बाद पथराव हुआ तथा आगजनी की कोशिशें हुईं। यह रोड शो को बाधित करने का प्रयास था।
NewsApr 21, 2019, 2:14 PM IST
जानें क्या है रामपुर में योगी का ‘कलंक’ कनेक्शन
योगी आज फिर रामपुर में अपने आक्रामक स्टाइल में दिखे। लेकिन उन्होंने अपने भाषण में संयम बरता। कल ही रामपुर में एसपी और बीएसपी की संयुक्त रैली हुई, जिसमें दोनों दलों के नेताओं ने आजम खान के लिए जनता से वोट मांगे। रामपुर में 23 अप्रैल को मतदान होना है। लिहाजा आज बीजेपी ने यहां पर योगी की रैली कर पूरा माहौल बनाने की कोशिश की।
NewsApr 11, 2019, 9:39 PM IST
बस्तरः नक्सलियों की दहशत के बीच 10 किमी पैदल चलकर ग्रामीणों ने डाला वोट
वोटिंग के बाद उंगली से स्याही का निशान मिटाते भी दिखे कुछ वोटर। नक्सलियों ने किया था चुनाव के बहिष्कार का ऐलान।
NewsMar 31, 2019, 3:52 PM IST
आरती पटेल का दावा, भाजपा को वोट न देने की 100 फिल्मकारों की अपील ‘फर्जी’, कभी नहीं किए साइन
कुछ दिन पहले ‘सेव डेमोक्रेसी’ और ‘आर्टिस्ट यूनाइट इंडिया’ के बैनर तले 100 फिल्मकारों के नाम से एक साझा अपील की थी। इसमें भाजपा को वोट न देने को कहा गया था।
NewsFeb 5, 2019, 5:57 PM IST
'बर्बर और निर्मम है ममता सरकार'
भाजपा के फायर ब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज पश्चिम बंगाल के पुरूलिया में रैली में राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर शब्दों के जरिए तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि राज्य की ममता बनर्जी सरकार बर्बर और निर्मम है और लोकतंत्र की हत्या कर रही है।
NewsNov 12, 2018, 2:47 PM IST
मिलिए नक्सलियों से मोर्चा लेने को मुस्तैद सीआरपीएफ की महिला कमांडो से
नक्सल और अर्बन नक्सल की बहस से सैकड़ों किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ के 'लाल गढ़' में सीआरपीएफ ने अपने महिला कमांडो दस्ते को तैनात किया है। इनमें से अधिकतर कमांडो 25 साल की आयु के आसपास हैं। कड़े प्रशिक्षण के बाद यह इनकी पहली तैनाती है। नक्सल प्रभावित इलाके में शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए इन महिला कमांडो को आधुनिक हथियारों से लैस किया गया है। अपनी जान की परवाह न करते हुए ये कमांडो लोकतंत्र की रक्षा के लिए नक्सलियों के गढ़ में मुस्तैद हैं।