हाईकार्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में अवैध खनन के मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था और सीबीआई ने अपनी जांच के बाद पिछले महीने चंद्रकला और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की थी. सीबीआई ने लखनऊ में चंद्रकला और उनके सहयोगियों के घरों और कार्यालयों की जांच की.