नालंदा से इंडिया फर्स्ट के इस एपिसोड में फिल्मकार और लेखक विवेक अग्निहोत्री बता रहे हैं कैसे कुछ 'गद्दारों' की मदद से बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को तहस नहस कर दिया। खिलजी ने विश्वविद्यालय को ढहा दिया और यहां के पुस्तकालय को आग के हवाले कर दिया। प्राचीन ज्ञान को राख के ढेर में तब्दील कर दिया गया। मुगल काल से लेकर अंग्रेजों की हुकूमत तक आक्रमणकारियों ने भारत में युद्ध तभी जीते जब देश के अंदर बैठ कुछ लोगों ने उनकी मदद की। विवेक अग्निहोत्री ने इस कड़ी में इंदिरा गांधी के शासन काल और केजीबी के मुखबिरों पर भी प्रकाश डाला है।