अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) का ये अहम फैसला माना जा रहा है। क्योंकि अभी तक कैमिस्ट्री अनिवार्य थी। जिसके चलते छात्रों को इस विषय को जरूरी पढ़ना पड़ता था और इसके कारण छात्रों का समय भी बर्बाद होता था। जबकि छात्रों को बीटेक में मैथ्स और फिजिस्स की पढ़नी पड़ती थी।