असल में भारत और पाकिस्तान के अलग होने के बाद कश्मीर का जब भारत में विलय हुआ तो उस वक्त जम्मू कश्मीर के महाराजा हरी सिंह ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव रखा। जिसके तहत कश्मीर के लोगों को विशेष सुविधाएं मिली। यहां तक कि भारत सरकार कश्मीर के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दे सकती है।