पिछली समाजवादी पार्ट की सरकार के दौरान आजम खान को जौहर विश्वविद्यालय के लिए नियमों में तांक पर रखकर कोसी नदी के किनारे की 2013 में जौहर ट्रस्ट के संयुक्त सचिव एवं विधायक नसीर अहमद के नाम जमीन दर्ज की गई थी। यह जमीन कोसी नदी की किनारे की रेतीली जमीन थी। उस वक्त ये जमीन जौहर ट्रस्ट को तीस साल की लीज पर दिया गया था। नियमों को दरकिनार कर दी गयी जमीन के लिए अफसरों की मिलीभगत थी।