भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन के वेब एग्रीगेटर्स के क्षेत्र में ट्रांसपेरेंसी और फेयरनेस बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। जिससे ग्राहकों से फेयर डील हो सके। RBI ने पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बैंकों के एजेंट के तौर पर काम कर रहे लोन सेरिस प्रोवाइडर्स (LSP) के लिए नए नियमों का प्रस्ताव दिया है।