सिंधिया परिवार हमेशा से ही भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ का प्रमुख संरक्षक रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ भी उनका बहुत अच्छा संबंध रहा है। जिवाजीराव सिंधिया ज्योतिरादित्य सिंधिया के दादा थे और वह अंतिम मराठा राजा थे और इसके साथ ही उनके जवाहर लाल नेहरू के साथ अच्छे रिश्ते थे। 1961 में जीवाजी राव और 1964 में नेहरू की मौत के बाद राजमाता विजया राजे सिंधिया ने भ्रष्ट वंशवादी पार्टी में वापस रहने का कोई कारण नहीं देखा।