ठाकरे परिवार पहली बार मातोश्री से बाहर निकल रहा है। वह भी राज्य में सत्ता अपने पास रखने के लिए । महाराष्ट्र में भले ही पिछले चार दशकों में सरकार किसी की भी रही हो, लेकिन सरकार का असली केन्द्र मातोश्री ही हुआ करता था। शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने कभी चुनाव नहीं लड़ा और न ही किसी संसदीय राजनीति में रहे। लेकिन उन्होंने महाराष्ट्र में परोक्ष तौर पर सरकार चलाई है भले ही सरकार किसी भी पार्टी कि क्यों न हो। बालासाहेब ठाकरे का ही करिश्मा था कि नेता उनसे आर्शिवाद लेने के लिए मातोश्री आया करते थे।