याचिका की सुनवाई को दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, 2 मिनट के ट्रेलर से यह तय नहीं किया जा सकता कि फिल्म वोटर्स को प्रभावित कर सकती है। फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने अब तक इसे सर्टिफिकेट नहीं दिया। फिल्म देखना उसका काम है। अगर फिल्म से चुनाव कराने में कोई दिक्कत होती है, तो ये देखना चुनाव आयोग का काम है।