असल में ईस्ट इंडिया कंपनी सन् 1857 के विद्रोह के बाद डर गई थी और उन्हें इस बात का डर सता रहा था कि अंग्रेजों का भारत पर नियंत्रण खत्म हो सकता है। लिहाजा वे विभाजन और शासन के सिद्धांत के साथ आए। इसके लिए उन्होंने एक नए सिद्धांत को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि भारत में अधिकांश लोग स्थानीय नहीं हैं और वे भारत के मूल निवासी नहीं हैं।