असल में राजद ने अतिपिछड़ों को लुभाने के लिए नया दांव खेला है। पार्टी का दावा है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो राज्य के अतिपिछड़ों को उनके अधिकार मिलेंगे। असल में बिहार में साठ फीसदी आबादी अतिपिछड़ों की है और ये फिलहाल बंटे हुए हैं। अभी तक राजद मुस्लिम और यादवों के बलबूते सत्ता पर काबिज रही लेकिन इन दोनों जातियों में कमजोर होने के बाद पार्टी को अतिपिछड़ों का याद आ गई है।