माफिया मुख्तार अंसारी का बांदा जेल में अंत हो गया। उसकी मौत से जहां उसके सताए हुए लोगों में खुशी है, वही उसकी छत्रछाया में रहने वाले सैकड़ों, हजारों लोग हैं, जो उसकी कहानियां सुनाते हुए नहीं थकते हैं। मुख्तार की दिलेरी से लेकर दबदबे तक की कहानियों से इलाका पटा पड़ा है।