असल में बसपा प्रमुख मायावती पर रिश्वत लेने के आरोपों के बाद सिद्दीकी ने बसपा का दामन थामकर कांग्रेस की सदस्यता ली थी। कांग्रेस को लग रहा था कि सिद्दीकी के कारण पार्टी को लोकसभा चुनाव में फायदा होगा। लेकिन कांग्रेस में सिद्दीकी कोई बड़ा करिश्मा नहीं दिखा सके।