असल में मुस्लिम देशों में हलाल सर्टिफिकेट की जरूरत है और कंपनियां ये उत्पाद पहले मुस्लिम देशों के बनाती थी। लेकिन अब ये उत्पाद देश में भी बेचे जाने लगे हैं और ये उत्पाद शरीया कानून के तहत बनाए जाते हैं। यानी दूसरे धर्म के लोगों पर शरिया कानून के उन उत्पादों को खरीदने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।