महाराष्ट्र में भाजपा सरकार नहीं बना पाई। वहीं तीन दशक पुराने सहयोगी दल शिवसेना ने भी साथ छोड़ दिया है। शिवसेना ने पूरी तरह से एनडीए का साथ छोड़ दिया है। जबकि एलजेपी अभी केन्द्र सरकार में भाजपा की सहयोगी है। लेकिन एलजेपी ने सीटों का बंटवारा न होने के कारण अब झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। ये भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।