मोदी-1 सरकार में भी इस बिल को लोकसभा में पेश किया था जहां से आसानी से पारित हो गया था। लेकिन राज्यसभा में भाजपा के पास सांसदों का संख्याबल नहीं था। जिसके कारण ये बिल पास नहीं हो सका और इसे अध्यादेश के लिए राष्ट्रपति के पास नहीं भेजा जा सका। फिलहाल केन्द्र सरकार इस बिल को पारित कराना चाहती है। क्योंकि इस बार लोकसभा चुनाव में मुस्लिम महिलाओं ने भाजपा को भी वोट दिया था। जिसको लेकर भाजपा बहुत उत्साहित है।