आंकड़ों के मुताबिक यूपी बोर्ड में हिंदी में फेल होने वाले की संख्या सबसे ज्यादा है। राष्ट्र भाषा होने और हिंदी भाषी होने के बाद भी उत्तर प्रदेश में इतनी तादात में विद्यार्थियों का फेल होना कई तरह के सवाल छोड़ता है। वहीं अंग्रेजी प्रेम के कारण विश्वविद्यालयों स्नातक और परास्नातक स्तर पर एडमिशनों में काफी कमी आई है।