असल में केन्द्र बाजार की वर्तमान स्थिति को देखते हुए ईपीएफ पर ब्याज दरों को 8.65 फीसदी ही रखने के पक्ष में है। लेकिन ईपीएफओ इसे कम करना चाहता है। हालांकि ब्याज दर ज्यादा कम नहीं की जाएगी। लेकिन इसका सीधा असर कर्मचारियों पर पड़ेगा। सीबीटी ईपीएफ पर 2019-20 में ब्याज दर के प्रस्ताव पर आगामी पांच मार्च को फैसला करेगा।