1. बाहर से खाना मत मंगाएं जब आप बाहर से खाना ऑर्डर करते हैं तो वह किसी प्लास्टिक के कंटेनर में आता है। खाना खाने के बाद आप प्लास्टिक कंटेनर को फेंक देते हैं। प्लास्टिक से पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इसलिए कोशिश करें कि बाहर जाकर खाना खाएं या अगर खाना मंगवाते हैं तो ऐसी जगह से मंगवाएं जहां बायो-डिग्रेडबल पैकेजिंग में फूड दिया जाता हो। 2. पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें कार्बन उत्सर्जन को कम करने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप निजी वाहन की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। यह सही है कि भारत में सार्वजनिक वाहनों में भीड़ ज्यादा होती है और इससे असुविधा होती है, लेकिन सरकार अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रही है और मेट्रो परियोजनाओं को शुरू कर रही है। 3. मांसाहार कम करें जलवायु परिवर्तन की समस्या को कम करने का एक तरीका यह भी हो सकता है कि मांसाहार नहीं करें या कम करें। एग्रीबिजनेस से फॉसिल फ्यूल की तुलना में ग्रीनहाउस गैसों का ज्यादा उत्सर्जन होता है। एक पाउंड बीफ के लिए करीब 5,000 गैलन पानी का इस्तेमाल होता है। इसलिए मांस के लिए पशुपालन में पानी का खर्च ज्यादा है और यह पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है। 4. ज्यादा फैशनेबल चीजें नहीं खरीदें आजकल फैशन तेजी से बदल रहा है। कंपनियां बहुत जल्दी नए फैशन के कपड़े बाजार में उतार देती हैं। कई कंपनियों ने डिस्पोजेबल कपड़े बनाने शुरू कर दिए हैं। बिना जरूरत के कपड़ों का ढेर लगाने से भी पर्यावरण पर कोई बढ़िया असर नहीं होता। इसलिए जरूरत के मुताबिक ही कपड़े खरीदें। 5. पानी की बोतल रखें हमेशा पानी की नई बोतल खरीदने की जगह आप अपने पास पानी की बोतल रखें और उसका ही इस्तेमाल करें। आजकल कॉपर, बांस और दूसरी इको-फ्रेंडली चीजों की बोतलें भी मिलती हैं। प्लास्टिक की पानी की बोतलों से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। इसलिए इसका ख्याल रखें।