दो दिन पहले ही नीतीश कुमार ने साफ किया था कि पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए उन्होंने पार्टी के महासचिव पवन वर्मा के लिए यहां तक कह दिया था कि अगर उन्हें कहीं और जाना है तो वह जा सकते हैं। इसके बाद उन्होंने पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के लिए भी कड़ा संदेश दिया था कि नागरिकता संसोधन कानून को लेकर पार्टी की आम राय थी और इसी पर फैसला किया गया है।