फिलहाल भाजपा की राज्य की सत्ता से बाहर हो चुकी है और इसका मलाल भाजपा के नेताओं को है। लेकिन इस हार के बावजूद भाजपा के लिए झारखंड एक अच्छी खबर भी है। क्योंकि इस चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। जबकि उसके सहयोगी दलों का भी वोट प्रतिशत बढ़ा है, जिन्होंने गठबंधन न होने के कारण भाजपा के खिलाफ ही चुनाव लड़ा है।