असल में भारत सरकार ने इस सोसाइटी का पुनर्गठन किया है। जिसमें पहले से तीन सदस्य और कांग्रेस के नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाकर इन लोगों को शामिल किया है। ये तीनों भाजपा समर्थक माने जाते हैं। लिहाजा कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगा रही है कि सरकार ने साजिश के तहत कांग्रेस के नेताओं को इस सोसाइटी से बाहर किया है। जबकि इसमें सभी राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों से लोगों को रखना चाहिए था।