इस बात का खुलासा सतीश रेड्डी ने किया है। रेड्डी उस वक्त रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार थे। उनकी जब एपीजे अब्दुल कलाम से मुलाकात हुई तो उन्होंने रेड्डी से मिसाइलों को दोबारा उपयोग में लाने की प्रणामी पर काम करने को कहा था। उन्होंने अपनी मौत के महज एक महीने पहले इस प्रणाली पर काम करने को कहा था। रेड्डी पहली बार बतौर एक युवा वैज्ञानिक 1986 में कलाम से मिले थे।