आधुनिक विज्ञान ने यह सिद्ध कर दिया है कि जहां पृथ्वी पर गौएं होती हैं पर्जन्य – मेघ भी वहीं वर्षा करते हैं | और पृथ्वी भी जहां गौएं होती हैं वहीं पर वर्षा के जल को अपने अंदर ऐसे संचित कर के रखती है जैसे रेतस योनि में | वर्षा के जल से पृथ्वी वनस्पति रूपी संतान देती है | जहां पृथ्वी पर गौ नहीं होंगी वहां पृथ्वी बांझ हो जाएगी , और मेघ भी वहां वर्षा करने के लिए नहीं आएंगे |