भाजपा दिल्ली की सत्ता से पिछले 27 वर्षों से बाहर है और अब उसे अगली लड़ाई के लिए पांच साल के लिए इंतजार करना होगा। चुनाव में भाजपा को महज आठ सीटें मिली हैं वहीं आप को 63 सीटें मिली हैं। जो पिछले विधानसभा चुनाव से चार सीटें कम है। लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि भाजपा अपने लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को दोहरा नहीं सकी। जबकि लोकसभा चुनाव हुए महज छह महीने ही हुए हैं। लिहाजा भाजपा को भी सोचना होगा कि कहां पर उससे गलती हुई है।