पिछले दिनों हमने थरूर को सीए विरोध प्रदर्शन के दौरान इस्तेमाल की जा रही ला इल्ल इल्लल्लाह चैट के खिलाफ बोलते देखा था। हमने उन्हें ट्वीट करते हुए देखा था कि सीएएस के लिए हो रहे विरोध प्रदर्शनों को इस्लामी चरमपंथ को भी जन्म नहीं देना चाहिए। शायद यही कारण था कि जब वह शाहीन बाग में अपने साथी जेहादियों के साथ हाथ मिलाने के लिए गए थे तो उसी इसका और हिंदू विरोध के राग का सामना करना पड़ा। यही नहीं थरूर के इस्लाम चरमपंथी दोस्तों ने उन्हें एक नरम चरमपंथी कहा।