ईसाइयों के बड़े त्योहार ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में चर्चों पर हमला हुआ। जो कि इतना भीषण था कि मरने वालों की संख्या दो सौ को छू रही है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक इस हमले के पीछे श्रीलंका के ही एक कट्टरपंथी संगठन नेशनल तौहीद जमात का हाथ है, जो आईएस की तर्ज पर काम करता है। इससे पहले न्यूजीलैण्ड में मस्जिद पर हमला हुआ था। लेकिन इन दोनों हमलों ने एक नए तरह की चिंता खड़ी कर दी। क्या इन दोनों विस्फोटों का आपस में कोई कनेक्शन है? क्या दुनिया फिर से धार्मिक नरसंहारों के खतरे की ओर बढ़ रही है?