Subhash Chandra Bose
(Search results - 5)NationJan 23, 2020, 6:29 PM IST
देश का एक ऐसा योद्धा जिसने हर पल वतन को रखा सबसे ऊपर
'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा'. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह नारा किसने दिया था यह शायद बताने की जरूरत नहीं है. हमारे संग्राम के इतिहास को जब-जब याद किया जाएगा एक नाम जरूर सबकी जुबां पर होगी. वह नाम है नेताजी सुभाष चंद्र बोस का. आज ही के दिन क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस का जन्म साल 1897 में हुआ था. उनका जन्म उड़ीसा के कटक शहर में हुआ. सुभाष चंद्र बोस के पिता कटक शहर के जाने-माने वकील थे. बोस को जलियांवाला बाग कांड ने इस कदर विचलित कर दिया कि वह आजादी की लड़ाई में कूद पड़े.
NewsJan 23, 2020, 8:01 AM IST
सुभाष चंद्र बोस की जयंती आज: आजादी से पहले ही मिल गई थी आजाद हिंद सरकार को मान्यता
भारतीय आजादी के नायकों में शुमार सुभाष चंद्र बोस ने 21 अक्टूबर 1943 को आजाद हिंद फौज का गठन किया था और वह इस फौज के सर्वोच्च सेनापति नियुक्त किए गए थे। इस दिन उन्होंने अस्थायी सरकार बनाई थी। इस सरकार को दुनिया के कई देशों ने मान्यता दी थी। जिसमें जर्मनी, जापान, फिलीपीन्स, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड थे। इस सेना ने आज के मयांमार और उस वक्त के बर्मा की सीमा पर अंग्रेजों के खिलाफ जोरदार लड़ाई लड़ी थी।
NewsJan 23, 2019, 4:23 PM IST
भारत को आजादी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की वजह से मिली, तत्कालीन ब्रिटिश पीएम ने किया था स्वीकार
क्लिमैन्ट रिचर्ड एटली जो कि 1945 से 1951 तक ब्रिट्रेन के प्रधानमंत्री रहे। उनके समय में ही भारत को आजादी मिली। उनसे एक बार ब्रिटेन के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि आखिर आपने भारत क्यों छोड़ा? आप दूसरा विश्वयुद्ध जीत चुके थे। सबसे बुरा समय बीत चुका था। 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन फ्लॉप हो चुका था। आखिर ऐसी क्या जल्दी थी कि ब्रिटिश सरकार ने 1947 में अचानक यह कहना शुरु कर दिया कि नहीं हमें तुरंत भारत छोड़ना है?
ViewsJan 23, 2019, 4:17 PM IST
भारत को आजादी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की वजह से मिली, तत्कालीन ब्रिटिश पीएम ने किया था स्वीकार
क्लिमैन्ट रिचर्ड एटली जो कि 1945 से 1951 तक ब्रिट्रेन के प्रधानमंत्री रहे। उनके समय में ही भारत को आजादी मिली। उनसे एक बार ब्रिटेन के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि आखिर आपने भारत क्यों छोड़ा? आप दूसरा विश्वयुद्ध जीत चुके थे। सबसे बुरा समय बीत चुका था। 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन फ्लॉप हो चुका था। आखिर ऐसी क्या जल्दी थी कि ब्रिटिश सरकार ने 1947 में अचानक यह कहना शुरु कर दिया कि नहीं हमें तुरंत भारत छोड़ना है?
NewsDec 30, 2018, 11:11 AM IST
नेताजी से संबंधित बेहद संवेदनशील खुफिया फाइलों को सार्वजनिक कर सकती है मोदी सरकार
23 जनवरी, 2016 को भी मोदी सरकार ने नेताजी से जुड़ी कुछ गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया था। इस संबंध में पीएम मोदी ने नेताजी के परिजनों से वादा किया था।