पुराणों के मुताबिक सत्यवान पत्नी सावित्री ने भगवान यम से अपने पति को पुनर्जीवित करने के लिए मजबूर कर दिया था। यह व्रत हिंदू पंचांग के ज्येष्ठ मास (महीने) के अमावस्या (कोई चंद्रमा दिन या अमावस्या दिवस) के दिन मनाया जाता है। जबकि यह उत्तर भारत में ज्येष्ठ के महीने के मध्य में इसे मनाया जाता है। वहीं दक्षिण के अधिकांश क्षेत्रों ज्येष्ठ मास की अमावस्या से शुरू करते हैं।