हिंदू आतंकवाद के नाम पर सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करते हुए असली आतंकियों को बचाया गया। जिसके बाद समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के असली आरोपी आरिफ कासमानी, मक्का मस्जिद ब्लास्ट के आरोपी बिलाल भागने में सफल रहे थे। हिंदू आतंकवाद जैसी कोई बात कभी थी ही नहीं। भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ने के लिए यूपीए सरकार ने तथ्यों को नजरंदाज कर कुछ मामलों में निर्दोष हिन्दुओं को फंसाने की कोशिश की, जिससे आतंकवाद के खिलाफ अभियान कमजोर पड़ा।