निस्संदेह, यह घटना ऐतिहासिक है। 1971 के बाद भारतीय वायुसेना ने कभी भी योजना बनाकर नियंत्रण रेखा पार नहीं किया था। 1999 के करगिल युद्ध में वायुसेना कार्रवाई में शामिल थी, लेकिन उसे सरकार का सख्त निर्देश था कि किसी सूरत में सीमा पार नहीं किया जाए। इसलिए वायुसेना की इस कार्रवाई का व्यापक रणनीतिक, मनोवैज्ञानिक महत्व है।