धर्मेंद्र कहते हैं कि शुरूआती दिनों में मैंने किसानों को समझाना शुरू किया कि वह केमिकल वाली खाद का यूज खेतों में न करें। उसकी जगह गोबर की खाद लगाएं। पर किसानों ने ध्यान ही नहीं दिया, क्योंकि गोबर की खाद से उतनी पैदावार नहीं होती। जितनी केमिकल वाली खाद के यूज से होती है।